आचार्य प्रशांत : 30 अनमोल विचार

 


आध्यात्मिकता का मतलब जीवन से सन्यास लेना नहीं है; यह पूरी तरह से जीवन जीने की कला है।

आचार्य प्रशांत

डर से उत्पन्न होने वाली क्रिया से ओर अधिक डर उत्पन्न होगा।

आचार्य प्रशांत

आध्यात्मिकता, अनावश्यक को खत्म करने का अनुशासन है।

आचार्य प्रशांत

इस पल की गुणवत्ता जीवन की गुणवत्ता तय करती है। यदि यह जीवन है, तो इस पल की सार्थकता जीवन की सार्थकता है।

आचार्य प्रशांत

आपकी सभी खामियों के साथ, आप परफेक्ट हैं।

आचार्य प्रशांत

इतना भी गंभीर मत बनो; कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है।

आचार्य प्रशांत

 

अपने स्वयं के जीवन का निरीक्षण करें, और आप सत्य को पहचान पाएंगे।

आचार्य प्रशांत

अच्छी तरह से जीना, पूरी तरह से जीना, जीवन का उद्देश्य है। कोई दूसरा उद्देश्य क्यों पूछें?

आचार्य प्रशांत

ध्यान वह है जो शांति से उत्पन्न होता है और आपको वापस शांति में लाता है।

आचार्य प्रशांत

जब आप शांत हैं या नहीं, इस बात पर परेशान नहीं होते हैं तो यही शांति है।

आचार्य प्रशांत

किसी व्यक्ति को उसकी ऊँची आवाज़ से नहीं, बल्कि उसके मौन की गहराई से जानें।

आचार्य प्रशांत

बच्चों को पढ़ाने से पहले उनसे सीखें।

आचार्य प्रशांत

शून्यता का मतलब है खुद से मुक्त होना। और जहां शून्यता है, वहां परमात्मा है।

आचार्य प्रशांत

जीवन एक रंगमंच है; इसमें अपना किरदार समझदारी से निभाये।

आचार्य प्रशांत

आचार्य प्रशांत के अनमोल वचन

जीवन की कोई भी खोज मृत्यु के बहुत करीब जाकर शुरू होती हैं। मृत्यु को समझना जीवन को समझना है।

आचार्य प्रशांत

यह जानकर कैसा लगेगा कि आपने अपना एक कीमती जीवन बर्बाद कर दिया है, और बहुत देर हो चुकी है? उठो!

आचार्य प्रशांत

खेल से लड़ो, खिलाड़ियों से नहीं।

आचार्य प्रशांत

जितना मैं जीवन से डरूंगा, उतना ही मैं मृत्यु से डरूंगा। मैं जीवन से नहीं डरता, मैं मृत्यु से कैसे डर सकता हूं? मृत्यु का भय जीवन का भय है।

आचार्य प्रशांत

जिंदगी का सीना ठोक के सामना करो, शेर की तरह।

आचार्य प्रशांत

जिंदगी की परीक्षा में, कोई भी प्रश्न कभी भी दोहराया नहीं जाता है।

आचार्य प्रशांत

आचार्य प्रशांत के प्रेरक कथन

यदि आप अपने तुच्छ मामलों में उलझे रहते हो, तो आप अपनी विशालता का एहसास कैसे करोगे? मेरा जीवन और मेरी ऊर्जा को तुच्छ मामलो में बेकार क्यो जाने दूँ?

आचार्य प्रशांत

कुछ बोलना है तो बोलो। बहुत सी बातें कहनी हैं, वाक्पटुता से बात करें। सब कुछ कहने के लिए, मौन रहें।

आचार्य प्रशांत

प्रेम देता है, और बदले में कोई प्रतिफल नहीं मांगता।

आचार्य प्रशांत

आनंद क्या है? स्वयं से मुक्त होने पर मन का उत्सव।

आचार्य प्रशांत

इतनी मेहनत से लड़ो, इतनी मेहनत से खेलो, कि नतीजा मायने रखना बंद हो जाए।

आचार्य प्रशांत

प्रकाश की तलाश करें। प्रकाश देखें। प्रकाश बने।

आचार्य प्रशांत

जीवन आपको यातना नहीं दे रहा है, आपको धोखा नही दे रहा है, या आपको हरा नही रहा है। प्यारा जीवन केवल आपके साथ बेतहाशा खेल रहा है। बढ़िया खेल खेलना सीखो।

आचार्य प्रशांत

ईश्वर, प्रेम, सत्य – वे अनुभव नहीं हैं। वे अनुभवों से मुक्ति हैं।

आचार्य प्रशांत

यदि आप दूसरों का शोषण कर सकते हैं, तो आप अपना शोषण कर लोगे।

आचार्य प्रशांत

Eye(आँखों) से, तुम कुछ देखते हो; I(अहंकार) के साथ कुछ भी नहीं देख पाते।

आचार्य प्रशांत





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